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जय हनुमान

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"ईद मुबारक"

अनिल कुमार सोनी आज खुश खुशी खुशबू व खुशियों का त्यौहार है बांटे ईदी बांटे खुशियों का भंडार जी हां आपको "ईद मुबारक"।

"मानसून आमंत्रण"

"नर्मदा की बालु" नर्मदा मैया की रेता बही रे रेता बही रे जैसे शक्कर की रास रे नर्मदा मैया हो । पलते मजदूर अब कहाँ जांयें रे नर्मदा मैया हो। अनिलकुमार सोनी
लघुकथा "क्या गिरा" गर्मी के दिन थे , परिवार में  दस सदस्य बैठक रूम में आपस बातें कर थे छोटे छोटे बच्चे भी बैठक रूम में ही सो गये थे रात के ग्यारह बज चुके थे।      बैठक रूम के ऊपर वाले कमरे में भी विंडो कूलर भी चालू था । ग्यारह बज कर तीस मिनट पर बहुत ही जोर की आवाज आती है जिसे कोई लोहा का पलंग गिरा हो सभी लोग घबराने लगे ।आखिर  हुआ क्या है यह जानने के लिए सभी लोग घर के सभी एक एक कोना छानने निकले उन्हें कुछ नहीं मिला घबराहट और बढ़ गई । मैं भी उस आवाज आने का कारण खोज रहा था और वह कारण था विन्डोकूलर के ऊपर एक लकड़ी स्केल रखा था जो कूलर चालु होने के कारण वह कूलर की पंखी में जा गिरा और तेज आवाज के साथ वह स्केल चकनाचूर हो गया  । घबराहट सबकी कम हो गई। अनिलकुमार सोनी

"माँ"

माँ एक शक्तिपुंज है समझो । माँ सभी प्रश्नों का उत्तर है समझो । माँ मंत्रों का महामंत्र है समझो । माँ संसार को जीवन देने वाली जगतजननी है समझो । अनिलकुमार सोनी